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विधा/विषय "ज़माना"
वो ज़माना याद है - गीत - रमाकांत सोनी
सोमवार, जनवरी 10, 2022
वो हंसी पल वो तराना सुहाना याद है, हम मिले थे आपसे वो ज़माना याद है। खिल उठा था चमन चहक उठी वादियाँ सभी, ख़ुशियाँ बरस पड़ी महक उठी बगिया…
बस फ़ैशन में फँसा जमाना - कविता - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
शनिवार, सितंबर 19, 2020
फ़ैशन का भूत नशा बन छाया, गज़ब इक्कीसवीं युवजन माया। कोमल किसलय सज्जित ले काया, मधुशाल नग्न जग रूप दिखाया। फ़ँस चकाचौंध …