संदेश
विधा/विषय "बेरोजगारी"
शिक्षित बे-रोज़गारी की समस्या - निबंध - संस्कृती शाबा गावकर
मंगलवार, जून 01, 2021
बे-रोज़गार उस व्यक्ति को कहा जाता है जो बाज़ार में या समाज में प्रचलित मज़दूर दर पर कार्य करना चाहता है, लेकिन उसे काम नहीं मिल पाता। बे-…
लॉकडाउन और बढ़ती बेरोज़गारी - निबंध - संस्कृती शाबा गावकर
शनिवार, सितंबर 26, 2020
क्या कोरोना के फैलने के खौफ से देशभर में लॉकडाउन की स्थिति पैदा कर बेरोज़गारी को जन्म दिया? दुनियाभर में फैले कोरोना वायरस को विश्व स्व…