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ब्रज का राज दुलारा - गीत - कमल पुरोहित 'अपरिचित'
इठलाए मैया की गोदी, ब्रज का राज दुलारा। ऐसा दृश्य मनोहर था, लगा आँख को प्यारा॥ चोरी-चोरी चुपके-चुपके, माखन खाते जाते, टुकुर टुकुर मै…
कृष्ण - गीत - उमेश यादव
प्रेम मगन मनमोहना, छवि प्रभु की प्यारी। दूर करो कष्ट सोहना, केशव गिरधारी॥ पग ठुमक ठुमक प्रभु चलिहें। पद नूपुर छूमक करि बजिहें॥ मन …
मैं कान्हा बोल रहा हूँ - कविता - अनूप अंबर
लोग मुझे कहते हैं कान्हा मुरलीधर श्याम, लेकिन मेरा जीवन था बिल्कुल न आसान। जन्म से पहले मेरी, मृत्यु के विधान बने, मेरे ख़ुद के मामा, म…
माँ देवकी की वेदना - कविता - शालिनी तिवारी
देवकी के सुन नैनों में फिर उठी, हुक कान्हा के दरस की, एक बार दिखला दे कोई झलक, एक हर बीते बरस की। पहले उसकी मुस्कान थी कैसी, कैसे आँखो…
दुर्योधन क्या बाँध पाएगा? - कविता - मयंक द्विवेदी
न बाँध सका जिसे कारागृह, न बाँध सके जिसे नंद अयन, न बाँध सके यशोदा सूत बंधन, न साध सके जिसे कंस भुजबल, दुर्योधन क्या कर पाएगा? प्रत्य…
आ भी जाओ श्याम - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
तुम बिन रहा न जाए अब, आ भी जाओ श्याम। तरस रही मुरली श्रवण, मैं राधे प्रिय वाम॥ तुम साजन माधव मदन, मैं राधे रति श्याम। केशव की कुसुम…
हरि वन्दना - गीत - चक्रवर्ती आयुष श्रीवास्तव
जय हो तुम्हारी हे माधव मुरारी, जय हो सदा हे जग बलिहारी। सुमिरन तुम्हारी करता सदा हूँ, छाया में तुम्हारी रहता सदा हूँ। कितनी महिमा तुम्…