संदेश
विधा/विषय "बाल दिवस"
हे हिन्द की धरोहर! - कविता - राघवेंद्र सिंह | पण्डित जवाहरलाल नेहरू पर कविता
सोमवार, नवंबर 14, 2022
हे रत्न! भूमि भारत, हे हिन्द की धरोहर! हे हिन्द स्वप्नदृष्टा! हे हिन्द के जवाहर! सच्चे सपूत तुम थे, इस हिन्द वाटिका के। तुम ही यहाँ थे…
इधर दिखाई मत पड़ना - कविता - डॉ. कुमार विनोद
शनिवार, अक्तूबर 31, 2020
कूड़े की ढ़ेर पर पॉलिथीन व कचरे पर उगा हुआ वह बालक न जाने किस जन्म से अपनी किस्मत चुन रहा है कूड़े की ढ़ेर पर। सर्व शिक्षा ,कम्प्यूटर शिक्…