संदेश
विधा/विषय "पितृ पक्ष"
श्राद्ध व तर्पण - कविता - सीमा वर्णिका
शुक्रवार, अक्तूबर 01, 2021
माह भादप्रद पितृपक्ष काल, श्राद्ध तर्पण करते हर साल। स्वपूर्वजों का ऋण चुकाते, सद्कर्मों से काटे पाप जाल।। श्रद्धा भाव से जन करते तर्…
सच्ची श्राद्ध - कविता - सुषमा दीक्षित शुक्ला
बुधवार, सितंबर 16, 2020
जीते जी सेवा किया नहीं, बस मरने पर श्राद्ध मनाते हैं। ऐसी संताने हैं कुल कलंक, मृत पुरखों को बहलाते हैं। यदि देनी सच्ची श्रद्…
ये कैसा श्रद्धा भाव - संस्मरण - सुधीर श्रीवास्तव
मंगलवार, सितंबर 15, 2020
इस समय पितृ पक्ष चल रहा है। हर ओर तर्पण श्राद्ध की गूँज है। अचानक मेरे मन में एक सत्य घटना घूम गई। रमन (काल्पनिक नाम) ने कुछ समय …