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विधा/विषय "दौलत"
पैसों की बेबसी - दोहा छंद - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
शनिवार, मार्च 06, 2021
पैसों का नित जंग है, पैसा ही नवरंग। रिश्ते नाते मान यश, बिन पैसे बदरंग।।१।। पैसे ही ऊँचाइयाँ, पैसे ही सम्मान। पैसों के महफ़िल सजे, पैसा…
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