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विधा/विषय "दीप"
दीप तले अंधेरा ना रहें - कविता - विकाश बैनीवाल
शनिवार, नवंबर 14, 2020
दीप तले अंधेरा ना रहे, सामूहिक सकल दीप जलाओ, यति हररुह त्याग, स्तुति संग माँ लक्ष्मी को नैवेद्य चढ़ाओ। तामसिक प्रवृति ना रहे, प्रत्येक…
दीप मालिका अभिनंदन है - कविता - शिवचरण चौहान
शनिवार, नवंबर 14, 2020
दीप मालिके अभिनंदन है। अभिनंदन, शत शत वंदन है।। ज्योति सदा मंगलकारी हो। तन निरोग हो, बलकारी हो।। जीवन मधुमय सुखकारी हो। धन वैभव पर हित…
जगमग दीप जले - कविता - रमाकांत सोनी
शनिवार, नवंबर 14, 2020
दीपों की सजी है कतार जगमग दीप जले। लक्ष्मी जी आई घर द्वार जन जन फुले फुले धन-धान्य सुख देने वाली दुख दारिद्र को हारने वाली दे वैभव भ…
जलता जाए दीप हमारा - कविता - अनिल मिश्र प्रहरी
शनिवार, नवंबर 14, 2020
मिट्टी के दीपों में भरकर तेल - तरल और बाती, तिमिर-तोम को दूर भगाने को लौ हो लहराती। मिट जाए भू का अँधियारा ज…