संदेश
विधा/विषय "चर्चरी छंद"
सत्य - चर्चरी छंद - संजय राजभर "समित"
बुधवार, अक्तूबर 14, 2020
प्रेम राग बनी रहे, हर हाल में सच बोलिए। बात से कब क्या घटे ? तकरार में रस घोलिए।। आसमाँ झुकता रहा, …
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