संदेश
विधा/विषय "कैसे"
जगत के कुचले हुए पथ पर भला कैसे चलूँ मैं? - कविता - हरिशंकर परसाई
मंगलवार, अगस्त 22, 2023
किसी के निर्देश पर चलना नहीं स्वीकार मुझको, नहीं है पद चिह्न का आधार भी दरकार मुझको। ले निराला मार्ग उस पर सींच जल काँटे उगाता, और उनक…
भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? - निबंध - भारतेंदु हरिश्चंद्र
मंगलवार, अगस्त 15, 2023
आज बड़े आनन्द का दिन है कि छोटे से नगर बलिया में हम इतने मनुष्यों को एक बड़े उत्साह से एक स्थान पर देखते हैं। इस अभागे आलसी देश में जो क…
मैं प्रेम गीत कैसे गाऊँ? - कविता - जितेन्द्र शर्मा
बुधवार, दिसंबर 28, 2022
मैं प्रेम गीत कैसे गाऊँ? मैं प्रेम गीत कैसे गाऊँ? जब प्रेम दिवानी बाला को, दैत्य कोई फँसाता है, किसी पिता की श्रद्धा को, टुकड़ों में बा…
कैसे कह दूँ किससे कह दूँ - गीत - नीलम काश्यप
मंगलवार, नवंबर 08, 2022
कैसे कह दूँ किससे कह दूँ अपनी राम कहानी। सबके मन में पीर भरी है, आँखों-आँखों पानी॥ ऐसा कोई नहीं है आँचल जिसमें हवा लगी न हो, ऐसी कोई आ…
कैसे आएँ ऋतुराज - गीत - पंकज कुमार 'वसंत'
बुधवार, फ़रवरी 02, 2022
क्या बतलाएँ आज तितलियाँ किस-किस से रंजिश है? कैसे आएँ ऋतुराज जहाँ, क़दम-क़दम बंदिश है। धुँध मूँद कर व्योम वातायन, नित्य रास करती है, शीत…