कैसे कह दूँ किससे कह दूँ - गीत - नीलम काश्यप

कैसे कह दूँ किससे कह दूँ
अपनी राम कहानी।
सबके मन में पीर भरी है,
आँखों-आँखों पानी॥
ऐसा कोई नहीं है आँचल
जिसमें हवा लगी न हो,
ऐसी कोई आँख नहीं है
जिसमें नीर भरा न हो,
सबके दिल में प्यास जगेगी
बाँदी हो या रानी।
ऐसा कोई कर्म नहीं है
जिसमें बाधा कोई न हो,
ऐसा कोई नहीं है मोहन
जिसकी राधा कोई न हो,
ता ता थइया सब नाचे हैं,
मूरख हो या ज्ञानी।
दुनिया तो दुनिया है केवल
हम तुम तो कठपुतली,
हम तुम केवल नाच रहे हैं 
उसके हाथों सुतली।
रंग मंच के अभिनय में तो याचक हैं सब 
सबके मन में पीर भरी है,
आँखों-आँखों पानी॥

नीलम काश्यप - जालौन (उत्तर प्रदेश)

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