संदेश
जय जवान जय किसान - कविता - रुखसाना सुल्तान
अँधेरों में उजाले की बात करता है किसान, रात दिन मेहनत करके उगाता है धान। किसान है हमारे अन्नदाता, जवान है देश के विधाता। उनकी दिल से क…
जय जवान जय किसान - गीत - समुन्द्र सिंह पंवार
भारत माँ के पूत महान, जय हो जवान और किसान। एक देश की रक्षा करता, एक पेट देश का भरता। इनसे ज़िंदा है हिंदुस्तान, जय हो जवान और किसान।। य…
हे! अन्नदाता - कविता - आर सी यादव
अरूणोदय के साथ ही उदित होती है ये कहानी जो चलती रहती है निरन्तर सूर्यास्त के बाद भी। घनघोर घटाओं में क्रूर क्रंदन करती चपला तुम अडिग…
किसान है तो हम आज हैं - गीत - राम प्रसाद आर्य "रमेश"
किसान है, तब तो ये अनाज है, औ अनाज है, तो हम आज हैं। किसान है, तो समाज है, औ समाज है, तो हर काज है।। किसान है, तो मन्दिर में पूजा, …
किसान - कविता - नूर फातिमा खातून "नूरी"
दिन रात मेहनत करता है किसान हर हाल में डटा रहता है किसान। तपती धूप में खेत की खुदाई करें, शीतलहर में फ़सल की सिंचाई करें, तैयार फ़सल…
हाँ मैं किसान हूँ - कविता - आर एस आघात
सरकार की नीतियों से, खेती हुई है चौपट, हालात से बदहाल हूँ, इसलिए परेशान हूँ। .... हाँ मैं किसान हूँ। मुझको मिला न वाजिब, दाम मेरी फसलो…
किसान आरती - गीत - समुन्द्र सिंह पंवार
तेरी जय हो अन्न के दाता । तु सबकी भूख मिटाता ।। दिन-रात तु पसीना बहावै , सबकी खातर अन्न उगावै , और खुद भूखा सो जाता । तेरी जय हो…