बदनाम गलियाॅं - कविता - संजय राजभर 'समित'

बदनाम गलियाॅं - कविता - संजय राजभर 'समित' | Hindi Kavita - Badnaam Galiyaan - Sanjay Rajbhar Samit. अमीरी ग़रीबी पर कविता
हम बदनाम हैं
ठिकाना है बदनाम गलियाॅं
क्योंकि हम ग़रीब हैं
आप बड़े लोग हैं
कुछ शब्द बना लिए हैं
"ख़ुश करो"
"डेट"
"डिनर पर चलते हैं"
"आज ऑफ़िस में काम ज़्यादा है"
पर डिमांड और आपूर्ति
हमारा और आप बड़े लोगों की एक ही है।


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