अरे! मतवाले कौन तुम - कविता - नंदनी खरे 'प्रियतमा'

अरे! मतवाले कौन तुम - कविता - नंदनी खरे 'प्रियतमा' | Prem Kavita - Are Matwale Kaun Tum - Nandani Khare. Hindi Love Poem | प्रेम कविता
अरे! मतवाले कौन तुम
दिल छूने वाले कौन तुम

कितना कुछ सुनना है तुमसे
कहाँ बैठे हो मौन तुम

सालों की बातें जोड़ी है
सालों से सपने जोड़े है
कितना कुछ कहना है तुमसे
चुप सुनने वाले कौन तुम

अदृश्य रहकर भी 
दिल को छूने वाले कौन तुम

बिन माँगे जिसने पाया हमें
अरे! ओ दिल वाले कौन तुम
कितना कुछ सुनना है तुमसे
कहाँ बैठे हो मौन तुम

सखियाँ बिन जाने ही तुमको
बातें तुम्हारी करती है
इठला देती है तुम पर
कुछ तानें बानें भरती है

बिन मोहन बन मोह लिया
मन मोहने वाले कौन तुम
कितना कुछ सुनना है तुमसे
कहाँ बैठे हो मौन तुम

नंदनी खरे 'प्रियतमा' - छिंदवाड़ा (मध्यप्रदेश)

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