पहली कविता
इतिहास की पहली कविता!
मैंने तुम्हें,
तमाल का फूल भेंट करते हुए सुनाई थी!
कल्पना के संसार में!
वो कल्पना कोरी कल्पना थी!
कल्पना की मौलिकता के भीतर,
एक आत्मा है सदैव
जो कल्पना को वास्तविकता में परिवर्तित करती है!
उस दिन,
मैं तुम्हें फिर सुनाऊँगा:
पहली कविता
इतिहास की पहली कविता!
इमरान खान - नत्थू पूरा (दिल्ली)