घात - कविता - संजय राजभर 'समित'
बुधवार, जनवरी 17, 2024
किसी भी विषय पर
ज्ञानी होना अच्छी बात है
पर ज्ञानी होकर मौन रहना
सबसे घात है
और कम ज्ञानी
मुखरित होकर यदि लड़ रहा है
तो वह असली योद्धा है
सजग है
निडर है।
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