घात - कविता - संजय राजभर 'समित'

घात - कविता - संजय राजभर 'समित' | Hindi Kavita - Ghaat - Sanjay Rajbhar Samit. ज्ञानी और योद्धा पर कविता
किसी भी विषय पर
ज्ञानी होना अच्छी बात है
पर ज्ञानी होकर मौन रहना
सबसे घात है
और कम ज्ञानी
मुखरित होकर यदि लड़ रहा है
तो वह असली योद्धा है
सजग है
निडर है। 


Instagram पर जुड़ें



साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos