डॉ॰ अबू होरैरा - हैदराबाद (तेलंगाना)
सजगता के प्रति - कविता - डॉ॰ अबू होरैरा
रविवार, अक्टूबर 01, 2023
जब मरना ज़रूरी है
तो लड़ना भी ज़रूरी है
निःशब्द लोगों के लिए जीवन क्या है?
केवल एक जीने की प्रक्रिया है
आए और गए
शब्द वालों के लिए जीवन
एक प्रतिक्रिया है
आए और छाए
गए तो भी भाए
इसलिए सुनों!
गतिशीलता को रुकने न दो
जीवन के मोल को, मोल लो
ख़ुद को तौल लो
करते तो सब ख़ुद के लिए हैं
आपने क्या किया अपने से अतिरिक्त
जिसने आपको ज़माने में किया हो सिद्ध।
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