सर्वस्य त्वं - गीत - सुशील शर्मा

सर्वस्य त्वं - गीत - सुशील शर्मा | Lord Ganesha Geet - Sarvasy Tvam - Sushil Sharma. श्री गणेश भजन
घोर त्वं अघोर त्वं।
भाव त्वं विभोर त्वं।

सिद्धि त्वं प्रसिद्धि त्वं।
क्षरण त्वं वृद्धि त्वं।

अखंड शुद्धि बुद्धि त्वं।
प्रचंड रिद्धि सिद्धि त्वं।

प्रकल्प त्वं प्रगल्भ त्वं।
प्रचंड दंड शल्भ त्वं।

समष्टि त्वं व्यष्टि त्वं।
प्रकृति त्वं सृष्टि त्वं।

काल त्वं कराल त्वं।
देव दृष्टि भाल त्वं।

भूत त्वं भविष्य त्वं।
दृश्य त्वं अदृश्य त्वं।

कांति त्वं प्रकान्ति त्वं।
शांति त्वं प्रशांति त्वं।

नेह त्वं निहाल त्वं।
देह से विशाल त्वं।

प्राण त्वं प्रमाण त्वं।
सृष्टि का निर्माण त्वं।

शक्ति त्वं भक्ति त्वं।
आत्मअभिव्यक्ति त्वं।

मुक्त त्वं सयुंक्त त्वं।
सर्व भाव युक्त त्वं।

मान त्वं अभिमान त्वं।
देवों का सम्मान त्वं।

कल्प त्वं संकल्प त्वं।
सर्व सृष्टि विकल्प त्वं।

शिशु त्वं वृद्ध त्वं।
यौवन समृद्ध त्वं।

नीर त्वं क्षीर त्वं।
धीर त्वं अधीर त्वं।

एक दंत दयावंत त्वं।
संतो के महासंत त्वं।

वक्रतुंड महाकाय त्वं।
कृष्णपिंगाक्ष सर्वस्य त्वं।

हे महाभाग ईश्वरं त्वं।
क्षमस्व परमेश्वरं।

नमोस्तुभ्यं।
नमोस्तुभ्यं।

सुशील शर्मा - नरसिंहपुर (मध्य प्रदेश)

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