हेमन्त कुमार शर्मा - कोना, नानकपुर (हरियाणा)
यह जो स्वतंत्रता दिवस है - कविता - हेमन्त कुमार शर्मा
सोमवार, अगस्त 14, 2023
यह जो स्वतंत्रता दिवस है।
कितने जीवन भूनने पर,
और कितने घर फूँकने पर,
दृशित यह वरदान हुआ।
सुभाष की आशा का,
बिस्मिल की भाषा का।
गुंजित सुगान हुआ।
टुकड़ों के,
ज़ख़्मों से थी,
आहत माँ भारती।
भरे मन से,
जन ने,
की थी आरती।
भारत की अक्षुण्णता का,
विघटन की पीड़ा का,
भान रहे।
सदा भारत की शान रहे।
साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos
विषय
सम्बंधित रचनाएँ
आज़ादी का त्यौहार - बाल कविता - सूर्य प्रकाश शर्मा | स्वतंत्रता दिवस पर बाल कविता
आज़ादी की गाथा - कविता - चक्रवर्ती आयुष श्रीवास्तव
भारत है प्रेम का देश - कविता - विनय तिवारी
कारगिल हिल - कविता - महेश कुमार हरियाणवी
स्वतंत्रता दिवस पर कविताएँ | Independence Day Poems in Hindi
खुदीराम बोस - कविता - कमल पुरोहित 'अपरिचित'
साहित्य रचना कोष में पढ़िएँ
विशेष रचनाएँ
सुप्रसिद्ध कवियों की देशभक्ति कविताएँ
अटल बिहारी वाजपेयी की देशभक्ति कविताएँ
फ़िराक़ गोरखपुरी के 30 मशहूर शेर
दुष्यंत कुमार की 10 चुनिंदा ग़ज़लें
कैफ़ी आज़मी के 10 बेहतरीन शेर
कबीर दास के 15 लोकप्रिय दोहे
भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? - भारतेंदु हरिश्चंद्र
पंच परमेश्वर - कहानी - प्रेमचंद
मिर्ज़ा ग़ालिब के 30 मशहूर शेर