प्रवल राणा 'प्रवल' - ग्रेटर नोएडा (उत्तर प्रदेश)
राम जन्म - कविता - प्रवल राणा 'प्रवल'
बुधवार, अगस्त 23, 2023
राम जन्म की बेला में मन खो गया।
प्रभु चरणों का दर्शन मुझको हो गया॥
माँ कौशल्या ने जब उपकार किया,
प्रभु ने देखो अवधपुरी अवतार लिया।
दशरथ जी का ख़ुशी से उत्सव हो गया॥
राम जन्म का तोहफ़ा देखो आज मिला,
अवधपुरी को एक नया युवराज मिला।
जनता को आल्हाद अनोखा हो गया॥
जिसको देखो आज ख़ुशी से पागल है,
जन-जन का सस्ता घर आँगन है।
रघुकुल में उत्साह अनोखा हो गया॥
राम बड़े तो छोटे लक्ष्मण भाई हैं,
भरत शत्रुघ्न में भी तो तरुणाई है।
तीनों माताओं को सुख हो गया॥
राम अवध में ले लीने अवतार हैं,
भारत का सबसे बड़ा त्योहार है।
जीवन सफल हमारा हो गया,
राम जन्म की बेला में मन खो गया॥
साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos
साहित्य रचना कोष में पढ़िएँ
विशेष रचनाएँ
सुप्रसिद्ध कवियों की देशभक्ति कविताएँ
अटल बिहारी वाजपेयी की देशभक्ति कविताएँ
फ़िराक़ गोरखपुरी के 30 मशहूर शेर
दुष्यंत कुमार की 10 चुनिंदा ग़ज़लें
कैफ़ी आज़मी के 10 बेहतरीन शेर
कबीर दास के 15 लोकप्रिय दोहे
भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? - भारतेंदु हरिश्चंद्र
पंच परमेश्वर - कहानी - प्रेमचंद
मिर्ज़ा ग़ालिब के 30 मशहूर शेर