प्यारी बहना - कविता - डॉ॰ कमलेंद्र कुमार श्रीवास्तव

प्यारी बहना - कविता - डॉ॰ कमलेंद्र कुमार श्रीवास्तव | Rakshabandhan Baal Kavita - Pyaari Behna. रक्षाबंधन पर बाल कविता बहन के लिए
बहन की रक्षा करने का है,
दृढ़ संकल्प हमारा। 
साथ पलें हैं साथ बढ़े हैं,
प्यार हमारा न्यारा।

कभी झगड़ते, कभी मचलते,
कभी करें शैतानी।
दिन-दिन भर हम बात करें ना,
थी कितनी नादानी?

सही दिशा दिखलाती हरदम,
मुझको प्यार दिया है।
मैं सफल हो जाऊँ पथ पर,
ऐसा कार्य किया है।

जब से बिछुड़े हम दीदी से,
सब कुछ सूना लगता।
कैसे मैं बतलाऊँ दीदी,
दिन दूना-दूना लगता।

पावन पर्व भाई बहन का,
आओ इसे मनाएँ।
घर की हो तुम राज दुलारी,
आओ झूमें गाएँ।

डॉ॰ कमलेन्द्र कुमार श्रीवास्तव - जालौन (उत्तर प्रदेश)

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