चन्द्रयान है चाँद पर, इसरो स्वप्न महान।
धन्यवाद वैज्ञानिकों, भारतीय विज्ञान॥
आरोहण साफल्यता, अविरत शोध प्रयास।
चन्द्रयान अब सोम पर, अनुपम सुख आभास॥
खिला चंद्रमुख यान लखि, आशा शुभ संदेश।
दीदी धरती याद में, चंद्र लोक उपवेश॥
बहे अश्रु नयना युगल, बड़ी बहन भू याद।
बहना अब मैं दूर कहँ, होऊँगा आबाद॥
सूनी थी दक्षिण दिशा, जोह रहा था बाट।
नीरस जीवन तुझ बिना, मिलकर होगा ठाट॥
भाँजे भाँजी से मिलूँ, कोटि वर्ष से इष्ट।
बुला रहे मामा जगत, भेजी यान अभीष्ट॥
बच्चों के तुम साथ में, चन्द्र लोक की टूर।
चन्द्रयान लखि मुदित मन, तुमसे अभी न दूर॥
भाँजी मेरी भारती, भाँजा भारत देश।
हरियाली होगी यहाँ, विकसित शशि उपवेश॥
खिली यान लखि चन्द्रिका, अधरों पर मुस्कान।
चन्द्रयान उपहार लखि, मानी ख़ुद सम्मान॥
भेज रही शीतल किरण, पूनम ज्योति मिठास।
हठ करती तुमसे मिलन, दीदी धरा सुवास॥
चंद्रयान पा धन्य मैं, धरा बहन सुखसार।
सोम लोक चहुँमुख प्रगति, मानव लसित विहार॥
डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज' - नई दिल्ली