अनुपम मधुरिम अरुणिमा, शुभ प्रभात उत्थान।
पूजन वन्दन शुद्ध मन, भक्त और भगवान्॥
खिले कुसुम सरसिज सरसि, कुसुमाकर वरदान।
भक्ति भक्त चितवन सुरभि, सुरभित हैं भगवान॥
निर्मल मन भावन किरण, मिटे अलस तनु श्रान्त।
अरुणिम आशा सबेरा, प्रेरक सत्पथ शान्त॥
नव उमंग हर्षित हृदय, पौरुष पथ उल्लास।
कर्म चित्त बस निर्वहण, रवि पूजन विश्वास॥
सकल मनोरथ पूर्णता, हो कर्तव्य महान।
मिला समय जीवन क्षणिक, मरूँ राष्ट्र सम्मान॥
मानवता के मोल को, समझूँ निज दायित्व।
परमारथ सेवा वतन, खिले कीर्ति व्यक्तित्व॥
नई भोर की लालिमा, भरे हृदय उल्लास।
भक्त और भगवान मिल, रचे भक्ति इतिहास॥
नश्वर काया देशहित, रखे राष्ट्र सम्मान।
अरुणोदय दे नित विजय, भक्त भक्ति भगवान॥
कठिनाई बाधा मिटे, मिटे सुपथ संघर्ष।
संयम धीरज आत्मबल, चहुँ मुख सच उत्कर्ष॥
सत्संगति अरुणिम प्रभा, जीवन हो सुखसार।
मातृभूमि सेवार्थ ही, जीवन हो उद्धार॥
खिले किरण नवभोर की, ख़ुशियाँ दे हर दीन।
शिक्षा समता मान सुख, मिले मिटे ग़मगीन॥
शुभ प्रभात सुनहर किरण, बाँटे सम मुस्कान।
मधुरिम सुन्दर शुभ प्रकृति, भक्त और भगवान॥
करूँ विनत रवि साधना, धेय राष्ट्र निर्माण।
भक्त बनूँ भगवान का, जीवन जन कल्याण॥
नार्य शक्ति खिलती किरण, मातृशक्ति उत्थान।
नर नारी मिल देशहित, विश्व शक्ति वरदान॥
डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज' - नई दिल्ली