नव प्रभात अब आया है - गीत - डॉ॰ कमलेंद्र कुमार श्रीवास्तव

नई उमंगे सँग में लेकर,
नव प्रभात अब आया है।

बुरा समय अब बीत गया है,
नई किरण इक आई है।
चहुँदिश फैल रहा उजियारा,
ख़ुशहाली अब छाई है।
बनी रहे हरदम ख़ुशहाली,
गीत सभी ने गाया है।
नई उमंगे सँग मे लेकर,
नव प्रभात अब आया है॥

नए वर्ष में हम सब मिलकर,
जमकर धूम मचाएँगे।
तम को हम ना आने देंगे,
प्रेम सुधा बरसाएँगे।
आगे बढ़ते जाएँगे हम,
कोई रोक न पाया है।
नई उमंगे सँग मे लेकर,
नव प्रभात अब आया है॥

अच्छी आदत को अपनाकर,
बुरी आदतें हम छोड़ेंगे।
पथ के सारे काँटें चुनकर,
नई राह हम जोड़ेंगे।
सत्य राह पर चलकर,
हमने नव प्रकाश पाया है।
नई उमंगे सँग मे लेकर,
नव प्रभात अब आया है॥

डॉ॰ कमलेन्द्र कुमार श्रीवास्तव - जालौन (उत्तर प्रदेश)

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