धनतेरस शुभकामना - कविता - श्याम सुन्दर अग्रवाल

धान्य-धन से देवी लक्ष्मी, देश का आँगन सजा दे,
दीप का आलोक अपने गेह को स्वर्णिम बना दे,
तम, निराशा, द्वेष, कटुता की ढहें दीवार काली,
स्नेह का त्यौहार अपने नेह को दृढ़तम बना दे।

श्याम सुन्दर अग्रवाल - जबलपुर (मध्यप्रदेश)

Instagram पर जुड़ें



साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos