धूम मची जमुना किनारे, श्याम की बाँसुरी मुझे पुकारे।
राधा के घनश्याम प्यारे, मीरा के प्रिय मोहन दुलारे।
जय गोविंदा जय गोविंदा 2
केशव माधव नटवर नागर, अधरो पे मुरली साजे।
रुनक झुनक बाजे पैजनिया, मोहक धुन बंसी बाजे।
गोवर्धनधारी की लीला प्यारी, लगती हमको नंदा।
यशोदा के राज दुलारे, गोकुल मोर मुकुट चंदा।
जय गोविंदा जय गोविंदा 2
नटखट श्याम बिहारी देखूँ, छवि तिहारी मनमोहक।
कृष्ण कन्हैया दौड़े आजा, हृदय फुलवारी रही महक।
सारी दुनिया का रखवाला, पूजन करती है नित वृंदा।
ख़ुशियों का खजाना कान्हा, गिरधर गोपाला गोविंदा।
जय गोविंदा जय गोविंदा 2
श्याम की बाँसुरी मुझे पुकारे, राधा दौड़ी यमुना किनारे।
आ गए अब घनश्याम हमारे, खुल गए हैं भाग्य हमारे।
साँवली सूरत मोहनी मूरत, नयन दमक रहे ज्यो चंदा।
चक्र सुदर्शन धारी माधव, नटखट जग करता आनन्दा।
जय गोविंदा जय गोविंदा 2
रमाकान्त सोनी 'सुदर्शन' - झुंझुनू (राजस्थान)