आओ पधारो गजानंद - गीत - रमाकांत सोनी 'सुदर्शन'

विघ्न विनाशक मंगल दायक, गणपति महाराज। 
आओ पधारो गजानंदजी, सब सारो म्हारा काज॥ 

बुद्धि विधाता श्रीगणेश, गौरीसुत विनायक देवा। 
रिद्धि सिद्धि संग पधारो, प्यारा शंकर सुवन देवा॥ 

अक्षत रोली श्रीफल चढ़े, मोदक प्रिय मिश्री मेवा। 
छप्पन भोग विनायक थारे, लागे गजानंद देवा॥ 

दुंद दुंदाला एकदंत हे, लंबोदर देव गणराज। 
सूंड सुंडाला कृपा सिंधु, प्रथम पूज्य पधारो आज॥ 

बुद्धि विधाता वैभव दाता, करो कृपा हे सुखदाता। 
कीर्ति पताका जग लहराए, गौरी पुत्र हे गुणदाता॥ 

जग की पीर हरे गजानन, अटकी नैया पार लगाए। 
विघ्नहर्ता शंकर सुवन, सारे भाग्य तारे चमकाए॥ 

घर-घर में ख़ुशियाँ बरसे, सारे भर जाए भंडार। 
गणपति का दरबार सजा, होती जय जयकार॥ 

गजानंद का ध्यान धरे जो, सबका होता बेड़ा पार। 
सुख समृद्धि घर आए, होता शुभ श्री मंगलाचार॥ 

धूप दीप प्रसून चढ़ाए, प्यारा गजानंद रोज़ मनाए। 
गुणनिधि देव विनायक, सब काज सिद्ध हो जाए॥ 

रमाकान्त सोनी 'सुदर्शन' - झुंझुनू (राजस्थान)

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