क्या मिलेगा युद्ध से संसार को - ग़ज़ल - प्रवेन्द्र पण्डित

अरकान : फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन
तक़ती : 2122  2122  212

क्या मिलेगा युद्ध से संसार को,
रोक लो अब क्रोध के विस्तार को।

चाहते हो शत्रु को यदि जीतना,
काम में लो प्यार के हथियार को।

दुश्मनी को ख़त्म करना है अगर,
धार कर प्रण मान लो रिपु रार को।

पंख बिन उड़ना कहो क्या ठीक है?
जाँच लो ख़ुद लक्ष्य के आधार को।

झाग दिखते हैं नदीं में अति बली,
पर न पाते रोक जल की धार को।

और भी हैं काम करने के लिए,
ठीक कर लो सोच के आकार को।

चंद साँसों के लिए कैसा समर,
देख लो इस पार से उस पार को।

प्रवेन्द्र पण्डित - अलवर (राजस्थान)

साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिये हर रोज साहित्य से जुड़ी Videos