लोकतंत्र का महापर्व - कविता - रमाकान्त चौधरी

अपने मत का उचित प्रयोग करके हमें दिखाना है,
लोकतंत्र के महापर्व को मिलकर सफल बनाना है। 

सरकार बनाने की ख़ातिर हमको ये अधिकार मिला,
मत होने से देश में रहने का हमको आधार मिला। 
गाँव-गाँव और गली-गली में सबको ये समझाना है,
लोकतंत्र के महापर्व को मिलकर सफल बनाना है। 

एक ज़रा सी लापरवाही का परिणाम बुरा हो जाता है,
जैसे एक ग़लत निर्णय से अच्छा काम बुरा हो जाता है। 
अपना मत देकर हमको एक बेहतर सरकार बनाना है, 
लोकतंत्र के महापर्व को मिलकर सफल बनाना है। 

ये न सोचे एक वोट से क्या बनता और बिगड़ता है,
एक वोट से हारे जो भी क़ीमत वही समझता है।
इसीलिए अपने मत को न बिल्कुल व्यर्थ गँवाना है,
लोकतंत्र के महापर्व को मिलकर सफल बनाना है। 

रमाकांत चौधरी - लखीमपुर खीरी (उत्तर प्रदेश)

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