नव वर्ष अभिनंदन - कविता - रमाकांत सोनी

नई प्रेरणा नए तराने वर्ष नई उमंगे लेकर आ,
नया साल जीवन में सदभावों की ज्योत जगा।

नई-नई आशाएँ भावन होठों पर मधुर मुस्कानें हो,
प्यार के मोती बरसे नैनो से ज़ुबाँ पे गीत सुहाने हो।

नई सोच से नव वर्ष हमको अभिनंदन करना है,
आदर्श विचार भर हौसलों का वंदन करना है।

सदभावों की धारा में अपनापन अनमोल मिले,
जीवन पथ पर प्रगति आपस में मीठे बोल मिले।

मात-पिता का वंदन हो राष्ट्रप्रेम घट-घट आएँ,
जीवन के संघर्षों में हम तनिक नहीं घबराएँ।

कीर्ति पताका नभ छुए लहराए तिरंगा प्यारा,
नववर्ष शुभ वंदन है अभिनंदन आज तुम्हारा।

आनंद बनकर बरसों ख़ुशियों की लेकर बरसात,
क़दम-क़दम पर ख़ुशियाँ मिलें हो सद्भावों की बात।

नई उम्मीदों से दमके चेहरों पर चमक सुहानी,
आशाओं के दीप जला रच दो एक नई कहानी।

रमाकांत सोनी - झुंझुनू (राजस्थान)

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