शीताकुल कम्पित वदन, नमन ईश करबद्ध।
मातु पिता गुरु चरण में, भक्ति प्रीति आबद्ध।।
नया सबेरा शुभ किरण, नव विकास संकेत।
हर्षित मन चहुँ प्रगति से, नवजीवन अनिकेत।।
हरित भरित खुशियाँ मुदित, खिले शान्ति मुस्कान।
देशभक्ति स्नेहिल हृदय, राष्ट्र गान सम्मान।।
खिले चमन माँ भारती, महके सुरभि विकास।
धनी दीन के भेद बिन, मीत प्रीत विश्वास।।
सबका हो कल्याण जग, हो सबका सम्मान।
पौरुष हो परमार्थ में, मिले ईश वरदान।।
डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज' - नई दिल्ली