बेस्ट फ़्रेंड - गीत - सुषमा दीक्षित शुक्ला

जो मेरे हसबैंड थे,
बस वो ही बेस्ट फ़्रेंड थे, 2
दौलत सत्ता मान प्रतिष्ठा,
मेरे बदले कुछ न लेते।
अगर ज़रूरत पड़ जाती,
तो जलते शोले भी सह लेते।
जो मेरे हसबैंड थे। 2
मेरी जान बचाने ख़ातिर,
कूद नदी में जाते वो।
रात दिवस हम सबकी ख़ातिर,
मेहनत करते रहते वो।
जो मेरे हसबैंड...2
अपनी सारी पूजा का फल,
हम सबको दे देते वो।
अगर जान भी देनी पड़ती,
तो हँसकर दे देते वो।
जो मेरे हसबैंड...2
मेरी मौत लिखी थी शायद,
आगे बढ़ गले लगा बैठे।
अब ढूँढूँ उनको हाय कहाँ,
वो बहुत दूर हैं जा बैठे।
जो मेरे हसबैंड...2
गीतों में मैं लिखती उनको,
ग़ज़लों में पढ़ लेती हूँ।
यादों में मैं मिलती उनसे,
सपनो को गढ़ लेती हूँ।
जो मेरे हसबैंड...2

सुषमा दीक्षित शुक्ला - राजाजीपुरम, लखनऊ (उत्तर प्रदेश)

Join Whatsapp Channel



साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos