श्याम रंग अंग साँवरो
राधिका के संग नाचे
बाँसुरी बजाए श्याम
बाँसुरी बजाए नाचे
राधिका के संग।
मतवाली हुई जाए
मलय कहाँ रुक पाए
गंध फल फूल की सुगंध
चहुँओर छाए कान्हा
बाँसुरी बजाए नाचे
राधिका के संग।
ग्वाल बाल आए देखें
कान्हा बाँसुरी बजाए
नाचे राधिका के संग
श्याम बाँसुरी बजाए
नाचे राधिका के संग।
खग मृग आए खड़े
देखें मंत्र मुग्ध कान्हा
बाँसुरी बजाए नाचे
राधिका के संग
श्याम बाँसुरी बजाए
नाचे राधिका के संग।
डॉ॰ उदय शंकर अवस्थी - लखनऊ (उत्तर प्रदेश)