जीवन के रंग - कविता - ऋचा तिवारी

जीवन की तेरी नैया में,
कितने ही थपेड़े आ जाए।
पर कोशिश करना केवल तुम,
लहरों से कभी न घबराए।

ये हार जीत का खेल सदा,
जीवन में हर पल आएगा। 
कभी हारेगा कभी जीतेगा,
जीवन कई रंग दिखाएगा।

न हार में ज़्यादा रोना तू,
न जीत में ख़ुद को खोना तू।
ख़ुश रहना जीवन में हर पल,
कभी बोझ की तरह न ढोना तू।

सोचो ना कभी इतना ज़्यादा
कि काश मुझे ये मिला जाता।
जो मिला है उस पर गर्व करो,
ये 'काश' कभी न तड़पाता।

कोशिश करना, आगे बढ़ना,
नौका में न होगा छेद कभी।
मुट्ठी को कसकर रखोगे,
तो फिसलेगी की न रेत कभी।

ऋचा तिवारी - रायबरेली (उत्तर प्रदेश)

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