जीवन की तेरी नैया में,
कितने ही थपेड़े आ जाए।
पर कोशिश करना केवल तुम,
लहरों से कभी न घबराए।
ये हार जीत का खेल सदा,
जीवन में हर पल आएगा।
कभी हारेगा कभी जीतेगा,
जीवन कई रंग दिखाएगा।
न हार में ज़्यादा रोना तू,
न जीत में ख़ुद को खोना तू।
ख़ुश रहना जीवन में हर पल,
कभी बोझ की तरह न ढोना तू।
सोचो ना कभी इतना ज़्यादा
कि काश मुझे ये मिला जाता।
जो मिला है उस पर गर्व करो,
ये 'काश' कभी न तड़पाता।
कोशिश करना, आगे बढ़ना,
नौका में न होगा छेद कभी।
मुट्ठी को कसकर रखोगे,
तो फिसलेगी की न रेत कभी।
ऋचा तिवारी - रायबरेली (उत्तर प्रदेश)