युवाओं तुम महान बनो - कविता - अशोक शर्मा

युवाओं तुम महान बनो,
अमिट देश की शान बनो।
दूर दुश्मन सब भागें तुमसे,
ऐसी तुम पहचान बनो।

जब हो जाए काले बादल,
तुम जुगनू बन जगमगाना।
जब अम्बर अगन बरसाए,
तुम चंदन सा ही बन जाना।

रात घनेरी में देखो तुम,
दीपक जस मिसाल बनो।
दूर दुश्मन सब भागें तुमसे,
ऐसी तुम पहचान बनो।

ज्ञान का सागर बनकर तुम तो,
विश्व पटल पर नाम करो।
अपनी सुबुद्धि के बल पर ही,
हो राष्ट्र शिखर वह काम करो।

विपदा की धाराओं में तुम,
दिव्य शिला की खान बनो।
दुश्मन दूर भागे तुमसे,
ऐसी तुम पहचान बनो।

अशोक शर्मा - लक्ष्मीगंज, कुशीनगर (उत्तर प्रदेश)

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