आत्मनिर्भर - कविता - काजल चौधरी

हम हैं भारतवासी
गौरव की है बात,
देश की अस्मिता को 
रखेंगे बरकरार।
नई राह पर चलेंगे 
चाहे आए चुनौती लाख,
न डरेंगे न रुकेंगे 
हँसकर हम निपटेंगे।
हुनर से भरा देश 
देश वासियों को जगाएँगे,
हौसले बुलंद 
इरादे कर मज़बूत
पथ पर आगे बढ़ते जाएँगे।
बहिष्कार कर विदेशी,
देशी वस्तुओं को अपनाएँगे,
आत्मनिर्भर बन 
देश की शान को बढ़ाएँगे।
भारत को
आत्मनिर्भर भारत बनाएँगे।
परावलंबी नहीं,
स्वाबलंबी बनेंगे 
देश को पुनः 
सोने की चिड़िया बनाएँगे,
प्रतिभा और मेहनत से 
हर मुश्किल करेंगे आसान,
किसी से नहीं है कम
यह सबको दिखलाएँगे,
आत्मनिर्भर बन
देश की शान बढ़ाएँगे,
भारत को
आत्मनिर्भर भारत बनाएँगे।

काजल चौधरी - कानपुर नगर (उत्तर प्रदेश)

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