हे नट-खट किशन कन्हैया - गीत - राम प्रसाद आर्य 'रमेश'

हे नट-खट किशन कन्हैया!
हे बृज के बंसी बजैया! 
अब तो दर्शन दे मुझको, 
मझधार में मेरी नैया।। 
हे नट-खट...

आई एक ये महामारी, 
विज्ञान विश्व भी हारी। 
जनता, सरकार सब विवश,
बचा ले डग-मग, जग की नैया।।
हे नट-खट...

हे! जग श्रृष्टि रचैया,
हे गोकुल धेनु चरैया! 
हे काली नाग नथैया!
चला दे जीवन-वाहन पैया।। 
हे नट-खट...

हे कंश वंश ढहैया! 
हे द्रौपदी लाज बचैया! 
हे अर्जुन-सारथी भैया, 
अब तो कर कृपा निज छैया।। 
हे नट-खट...

हे चक्र सुदर्शन चलैया!
सुत देवकि, जसुदा मैया! 
हे दहि चोर चोर, राधिका सैया, 
अब तो थाम हमारी बैयां।।
हे नट-खट...

राम प्रसाद आर्य 'रमेश' - जनपद, चम्पावत (उत्तराखण्ड)

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