साइकिल से निरोगी काया - लेख - मंजूरी डेका

गांधी जी ने कहा था- "एक सीमा तक भौतिक तालमेल एवं आराम आवश्यक है, लेकिन उसके बाद यह सहायता के बजाय अवरोध बन जाता है।"
आज दुनिया में बीमार पड़ने वाले लोगों की संख्या बढ़ने लगी है क्योंकि आजकल लोग शारीरिक परिश्रम कम करते है जिससे कोलेस्ट्रोल, दिल की बीमारी, आलस्य, कैंसर आदि जैसे बीमारी का ख़तरा बढ़ने लगा है। ऐसे में साइकिल चलाना एक स्वस्थ, कम लागत वाला व्यायाम है, जो प्रदूषण रहित होने वाले कई लाभ प्रदान करता है।

साइकिल की गुणवत्ता को देखते हुए 3 जून, 2018 को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के द्वारा आधिकारिक तौर पर सबसे पहले विश्व साइकिल दिवस मनाया गया था। इसके उद्घाटन समारोह में यूएन अधिकारी, एथलेटिक्स, राजनीतिज्ञ, साइकिलिंग समुदाय के कई बड़ी हस्तियों ने हिस्सा लिया था। साल 2021 में चौथा विश्व साइकिल दिवस मनाया जा रहा है। इसका उद्देश्य सभी वर्गों के बीच साइकिल के प्रयोग से होने वाले लाभ के विषय में जागरूकता लाना है। साइकिल चलाने से सेहत के साथ पर्यावरण को भी लाभ पहुँचाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार साइकिल चलाना पैदल चलने से अधिक लाभकारी है। परंतु समय के साथ हम ख़ुद को ज़्यादा आराम देने लगे हैं और बाहरी दिखावे के लिए पर्सनल कार, मोटर बाइक का ज़्यादा उपयोग करने लगे हैं, जिस कारण पेट्रोल, डीजल का गगनचुंबी दाम, शब्द, वायु पप्रदर्शन, साथ ही ट्रैफिक में हमारा कीमती वक़्त की बर्बादी से लोग पीड़ित हैं। वाहन के ख़राब होने पर अच्छी-ख़ासी रक़म ख़र्च होती है, जबकि साइकिल से यात्रा करने में इसका जोखिम नहीं है। साइकिल एक इंधन मुक्त वाहन है। थोड़ी दूर की यात्रा के लिए हम साइकिल का प्रयोग अवश्य ही कर सकते हैं। ग्लोबल वार्मिंग से बचने का यह एक विकल्प उपाय है।

नीदरलैंड साइकिल संस्कृति और साइकिल प्रेम का अद्भुत निदर्शन है। वहाँ के प्रायः लोगों के पास साइकिल है। वैसे नीदरलैंड सरकार नीति से भी इसे प्रोत्साहन मिला है। यहाँ के प्रधानमंत्री मार्क रूट साइकल से ऑफिस आना-जाना करते है। नीदरलैंड भ्रमण के समय भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को वहाँ के प्रधानमंत्री ने एक साइकिल उपहार में दिया था। मोदी जी को साइकिल उपहार में देने के पीछे उनका मक़सद था कि विश्व-वासी को परिवेश को लेकर जागरूक करना। असल में नीदरलैंड एक ऐसा देश है जो ग्लोबल वार्मिंग के वजह से बहुत सारी समस्याओं से जूझते आ रहे हैं। इस कारण वहाँ के नागरिकों को एक विशेष टैक्स भी देना पड़ता है। इसलिए नीदरलैंड पूरे विश्व को ग्लोबल वार्मिंग ना करने के लिए सचेत करते रहते है। इसी प्रकार डेनमार्क की राजधानी को साइकिल चलाने वाले का स्वर्ग कहा गया है। यहाँ 50% से भी ज़्यादा लोग साइकिल का प्रयोग करते हैं।

एक अध्ययन के ज़रिए मालूम हुआ है कि बर्लिन में 78%, फिनलैंड में 60%, जापान में 57% और चीन के 38% लोग साइकिल चलाते है। देखा जाए तो साइकिल का ज़्यादा से ज़्यादा प्रयोग करने से आर्थिक लाभ भी है, शारीरिक लाभ भी है और साथ ही प्रकृति को भी लाभ है। साइकिल चलने से बहुत सारे बीमारियों का ख़तरा कम हो जाता है। ऐसे में इसे अपनी जीवन शैली का अंग बना लेना चाहिए। ख़ुद को स्वस्थ रखने के लिए साइकिल चलाएँ। क्यों की निरोगी काया परम सुख का सोपान है।

मंजूरी डेका - विश्वनाथ (असम)

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