हम भी देखेंगे - गीत - शमा परवीन

तू जाता है कैसे,
नज़ारा हम भी देखेंगे।

बेवफ़ाई की लहर है,
किनारा हम भी देखेंगे। 

नही रहना है तेरे दिल मे, 
तरक़ीब-ए-दिमाग देखेगे। 

मिले जो सब कुछ, 
छोड़ कर हम भी देखेंगे। 

करेगे गुफ़्तगू तुझसे,
ख़ामोशी हम भी देखेंगे। 

मिलना गर हुआ तुमसे, 
बिझड़ना हम भी देखेंगे। 

माना रास्ता पूछा है "शमा"
मंज़िल हम भी देखेंगे।

शमा परवीन - बहराइच (उत्तर प्रदेश)

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