नया साल आया है - कविता - हरदीप बौद्ध

नया साल आया है,
संग ये नई उमंगे लाया है।
पिछले वर्ष दुःख मिले थे जो
ये उन्हें भुलाने आया है।

नए-नए सपने ये लाया है,
अब हमें इतिहास बनाना है।
अपने नेक  इरादे कर लो,
ये उम्मीद जगाने आया है।

भूलकर सभी शिकवे गिले,
खुलकर अब हम मिलेंगे गले।
अब कहीं नही उदासी रहे,
सभी को हर खुशियाँ मिलें।

जो हुआ वो बीती बातें थीं,
ये प्रीत बढ़ाने आया है।
नया साल आया है,
संग ये नई उमंगे लाया है।

हरदीप बौद्ध - बुलन्दशहर (उत्तर प्रदेश)

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