चहुँमुख विकास नववर्ष उदय - कविता - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"

नवल नववर्ष  मुदित खुशियाँ विहान,
हो  मुक्त    कोरोना   सारे      ज़हान,
हो मुस्कान समृद्ध  सुखमय   जीवन,
हो   सीमान्त  शौर्य  भारत   सम्मान।

जन मन मन  में   सत्पथ   सदाचरण,
हो नवांकुरित सुखद अरुणिम प्रभात,
पुरुषार्थ   शौर्य  नव भारत  जन  मन,
आत्मनिर्भर   भारत  हो    नवीकरण।

हो चहुँमुखी  विकास  नववर्ष    उदय,
हो  अनुसंधान समुन्नत  विश्व   भ्रमण,
मानवीय   मूल्य  वैधानिक  हो पालन,
हो भक्ति शक्ति प्रेम  सरस अभिवादन।

निर्माणक   देश   हो  परमार्थ  पथिक,
हो सद्भाव शान्ति अभिव्यक्ति  सटिक,
हो   नित  नारी शक्ति   निर्भीत  सबल,
साहित्य काव्य  लेखन  हो  भारतमय।

डॉ. राम कुमार झा "निकुंज" - नई दिल्ली

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