कवि कुमार प्रिंस रस्तोगी - सहआदतगंज, लखनऊ (उत्तर प्रदेश)
खुशियाँ - कविता - कवि कुमार प्रिंस रस्तोगी
शनिवार, जनवरी 02, 2021
खूब मनाओ नये वर्ष की
खुशियाँ तुम दिन-रात,
पर भूल न जाना नये वर्ष मे
खठ्ठी-मिठ्ठी सब बात,
गुज़र गई सब वो रातें
पंक्षी आ गये मचान,
नये वर्ष की नयी किरण मे
मंज़िल है कुछ पास,
नयी तरक्की वाले दिन
आ गये एक हजार,
देखो भईय्या अभी भी
खतरा टला नही है यार,
खूब मनाओ खुशियाँ
थाली ढ़ोल तैयार।
साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos
विशेष रचनाएँ
सुप्रसिद्ध कवियों की देशभक्ति कविताएँ
अटल बिहारी वाजपेयी की देशभक्ति कविताएँ
फ़िराक़ गोरखपुरी के 30 मशहूर शेर
दुष्यंत कुमार की 10 चुनिंदा ग़ज़लें
कैफ़ी आज़मी के 10 बेहतरीन शेर
कबीर दास के 15 लोकप्रिय दोहे
भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? - भारतेंदु हरिश्चंद्र
पंच परमेश्वर - कहानी - प्रेमचंद
मिर्ज़ा ग़ालिब के 30 मशहूर शेर