जवान वो शहीद अमर हुआ है मरा नहीं
तिरंगा अभी हाथ में है उसके गिरा नहीं।
उसके लहू से जिसको लगा था टीका
वो माँ है हम सबकी केवल धरा ही नहीं।
वतन के लिए आज दिया है जो जान
व्यर्थ न जाऐगा उस वीर का बलिदान।
सदा ऋणी रहेगा भारत वीर जवान तेरा
स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाऐगा नाम तेरा।
मरने के बाद भी जिसके नाम मे है जान
ऐसे जाँबाज फौजी मेरे भारत की शान।
गणपत लाल उदय - अजमेर (राजस्थान)