शिक्षक - कविता - अतुल पाठक

कोरोना महामारी के दौर में भी, 
शिक्षक विद्यालय जाते हैं।

हम बच्चे घर पर बैठे उनसे,
ऑनलाइन शिक्षा को पाते हैं।

हम होते बच्चे कोरे कागज़,
जिस पर ज्ञान अमिट वो लिखवाते हैं।

जाति-धर्म और ऊँच-नीच के,
मतभेद को मन से मिटवाते हैं।

सफलता की राह हमको कैसे है पानी,
और कैसे चढ़ना शिखर बताते हैं।

है सच्चाई ये शिक्षक ही स्कूलों में,
बच्चों को अच्छा इंसान बनाते हैं।

आदर्शों और नैतिकता का,
वो पाठ हमें पढ़ाते हैं।

नए प्रेरक आयामों नवाचार से,
बच्चों को सृजनशील बनाते हैं।

हर कठिनाई की राह दिखाते,
हर मुश्किल में खड़े हो जाते हैं।

अतुल पाठक "धैर्य" - जनपद हाथरस (उत्तर प्रदेश)

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