क्रष्ण विरह - सवैया - राहुल सिंह "शाहावादी"

ब्रज की वनिता सब बारि गई ,   
मुस्कान पै एक बनाने कहानी।।
अति लागत पीर महा हिय सों,
लगियाद कि मार सवै नसियानी।।
बिन प्रान सों मूरत ठांढि सबै
अस लागत देह सों है बिषरानी।।
सखि राहुल श्याम कैसे अंग सबै,
प्रिय प्रेम कि पीर सों है लपिटानी।

राहुल सिंह "शाहावादी" - जनपद, हरदोई (उत्तर प्रदेश)

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