रक्षाबंधन है राखी का त्यौहार - कविता - अतुल पाठक "धैर्य"

अटूट धागों के बंधन में,
स्नेह का उमड़ रहा संसार।

पूरे जग में सबसे सच्चा,
है भाई-बहन का प्यार।

यह शुभ दिन आज मनाते,
रक्षाबंधन है राखी का त्यौहार।

रेशम के धागे से बंधा है,
बहना का अनमोल प्यार।

हर सावन में आती है,
बेशुमार ख़ुशियों की बहार।

बहन भाई के लिए दुआ मांगती,
यूंही कृपा रखना तारनहार।

भाई बहन की रक्षा में,
सदा होता खड़ा तैयार।

है वादा ये भाई का बहन से,
निभाऊं फर्ज़ ये प्यार।

सब रिश्तों में अनमोल है रिश्ता,
भाई बहन के दिल में बसता।

माथे पर रोली तिलक लगाती,
भाई की कलाई राखी से सजाती।

बदले में अपने भाई से,
रक्षा का वादा है पाती।

अपने स्नेह भरे हाथों से,
भाई को मिठाई खिलाती।

फिर भाई से अपने वो,
है अमूल्य तोहफ़े पाती।

भाई बहन के अटूट विश्वास, 
स्नेह से सजा सारा संसार।

नाम इसका बड़ा ही पावन,
रक्षाबंधन है राखी का त्यौहार।

अतुल पाठक "धैर्य" - जनपद हाथरस (उत्तर प्रदेश)

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