निशानियाँ - कविता - मनोज बाथरे चीचली

करती है इंतजार
हर बहन
रक्षाबंधन आने का
लेगा भाई शपथ 
अपना वचन
निभाने का
आशा करती हुई
बांधती है बहन
अपने भाई की
कलाई पर राखियां
इन्हीं में छुपी है
प्रेम स्नेह की
अदभुद निशानियाँ।।

मनोज बाथरे चीचली - नरसिंहपुर (मध्यप्रदेश)

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