कहीं खुशियां
कहीं आसमान है
तो कहीं नदियाॅं !
कभी खट्टी है
कभी मीठी है
ये जिंदगी तो
बड़ी हसीन हैं !
यहां न कोई नियम
न यहां कोई कानून है
बस मन में
आगे बढ़ने का जुनून है !
दर्द ,गम, हर्ष
तो इसके नाम है
हर शख्स के लिए
जाल बिछाना इसका काम है !
हर कोई चाहता है
बने रहे इसके साथ
मगर यह साथ छोड़ देती है
यही तो है इसकी खास बात !
मधुस्मिता सेनापति - भुवनेश्वर (ओडिशा)