ये सावन की बहार है
सखियाँ संग झूलन को आईं
आज कजली तीज त्यौहार है
झूम उठे दिल झूम बराबर
गीतों के तराने और सावन के मल्हार हैं
यह पावन पर्व है कजली तीज का
इस दिन झूलों की लगती खूब कतार है
आया तीज का त्यौहार
सखियाँ भी तैयार हैं
मेहंदी हाथों में रचाई
करे सोलह श्रृंगार हैं
हरी चूड़ी खन-खन है करती
पायल भी छम-छम है बजती
बिंदी की चमक अपार है
आज कजली तीज त्यौहार है
मंदिर में दर्शन को जातीं
शिव पार्वती से गुहार लगातीं
होगा अमर सुहाग
आज कजली तीज त्यौहार है
अतुल पाठक - जनपद हाथरस - (उत्तर प्रदेश)