तू मुझमें अभी जिंदा है - कविता - सुषमा दीक्षित शुक्ला

तू  मुझमें अभी जिंदा है,
तू  मुझमे अभी बाकी है।

ये  तेरा ही तो  साया  है ,
जो अब  भी मेरा साथी है।

ये तेरा ही तो जलवा है ,
जो  मुख पे मेरे रहता है।

तू  अपनेपन की  बातें,
अब भी तो मुझसे कहता है।

तू ही तो मेरा प्रियतम है ,
मैं  तेरी  वो  कहानी  हूँ।

तू जिसका सुन्दर राजा है,
मैं  तेरी प्यारी रानी हूँ।

मैं  लम्हा  लम्हा तकती हूँ,
वो  राहें  जब तू  आयेगा।

कब  मेरा  हाथ पकड़ तू ,
सँग अपने लेकर जायेगा।

मैं  कैसे  जीती  सजना ,
ये  देखे  तू भी  आकर।

दम  घुटता  मेरा  हर दम ,
क्यूँ खोया  ,तुझको पाकर ।

सुन तेरे कारण  सजना
मैं  तुझसे  दूर  टिकी हूँ ।

तेरा  वो  प्यार   निभाने ,
दुनिया  मे अभी  रुकी हूँ ।

सुषमा दीक्षित शुक्ला - राजाजीपुरम , लखनऊ (उ०प्र०)

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