तू मुझमें अभी जिंदा है,
तू मुझमे अभी बाकी है।
ये तेरा ही तो साया है ,
जो अब भी मेरा साथी है।
जो अब भी मेरा साथी है।
ये तेरा ही तो जलवा है ,
जो मुख पे मेरे रहता है।
जो मुख पे मेरे रहता है।
तू अपनेपन की बातें,
अब भी तो मुझसे कहता है।
अब भी तो मुझसे कहता है।
तू ही तो मेरा प्रियतम है ,
मैं तेरी वो कहानी हूँ।
मैं तेरी वो कहानी हूँ।
तू जिसका सुन्दर राजा है,
मैं तेरी प्यारी रानी हूँ।
मैं तेरी प्यारी रानी हूँ।
मैं लम्हा लम्हा तकती हूँ,
वो राहें जब तू आयेगा।
वो राहें जब तू आयेगा।
कब मेरा हाथ पकड़ तू ,
सँग अपने लेकर जायेगा।
सँग अपने लेकर जायेगा।
मैं कैसे जीती सजना ,
ये देखे तू भी आकर।
ये देखे तू भी आकर।
दम घुटता मेरा हर दम ,
क्यूँ खोया ,तुझको पाकर ।
क्यूँ खोया ,तुझको पाकर ।
सुन तेरे कारण सजना
मैं तुझसे दूर टिकी हूँ ।
मैं तुझसे दूर टिकी हूँ ।
तेरा वो प्यार निभाने ,
दुनिया मे अभी रुकी हूँ ।
दुनिया मे अभी रुकी हूँ ।
सुषमा दीक्षित शुक्ला - राजाजीपुरम , लखनऊ (उ०प्र०)