आई लव यू ग़ज़ल - ग़ज़ल - रोहित गुस्ताख़

खुलके करता हूँ इजहार आई लव यू ग़ज़ल
तू ही मेरा सच्चा प्यार आई लव यू ग़ज़ल

भूल गया खुदको तेरा नाम लिखते लिखते,
आशिक़ तेरा दिले बीमार आई लव यू ग़ज़ल,

तू जीनत मेरे दिल की तू ही खुदा मेरा,
मुहब्बत है अपना त्यौहार आई लव यू ग़ज़ल,

मैं चाँद तारे लाने का वादा नही करता,
साँसों पे तेरा इख्तियार आई लव यू ग़ज़ल,

रात बेगानी सी दिन बेज़ार लगता तिरे बिन,
हो दीदार तो दिल गुलज़ार आई लव यू ग़ज़ल,

मतला,मिसरा,उफ़्फ़ ये मकते से जड़े जेबर,
दिल को खींचें तिरे अशआर आई लव यू ग़ज़ल।।

रोहित गुस्ताख़ - दतिया (मध्यप्रदेश)

साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिये हर रोज साहित्य से जुड़ी Videos